हम अब भी जीवन के आखिरी छोर पर भी"वो एक बात" की सार्थकता पर आत्मिक मनन करते हैं। हम अब भी जीवन के आखिरी छोर पर भी"वो एक बात" की सार्थकता पर आत्मिक मनन करते हैं।
मेरे ख़्वाबों के दूल्हे बनाम शहनाईयाँ जो बज न सकीं मेरे ख़्वाबों के दूल्हे बनाम शहनाईयाँ जो बज न सकीं
वह सक्षम थी वह सक्षम थी
हाँ उस पर विश्वास करो और जीवन में चमत्कार होगा। हाँ उस पर विश्वास करो और जीवन में चमत्कार होगा।
डरा हुआ आदमी डरा हुआ आदमी
************ नारी तुम बसुधा हो नारी तुम अमृत सुधा हो तुममे ही बहती हर धार है तुम स ************ नारी तुम बसुधा हो नारी तुम अमृत सुधा हो तुममे ही बहती हर ध...